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5 Essential Elements For shabar mantra

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द्वितीय ज्योति तारा त्रिकुटा तोतला प्रगटली अस्य श्री दक्षिण मंत्रस्य भैरव ऋषी: ४ ॐ सोऽहं सिद्ध की काया, तीसरा नेत्र त्रिकुटी ठहराया । गगण मण्डल में अनहद बाजा। तब तक आप स्वयं यंत्र लीजिए और उसको साफ कीजिए और ईश्वर का नाम लीजिए, बस प्राण-प्रतिष्ठा हो गई। उसको नित्य स्नान https://baglamukhi94942.blogzet.com/everything-about-shabar-mantra-47039832

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