धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥ दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥ मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥ सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa